About MM Vegetable Supplier
Supplier of : All types of Fruits & Vegetables
We provide fresh fruits and fresh vegetables at your doorstep. We have a vast distribution network comprising of highly dedicated professionals coupled with strong logistics support, establishing a nationwide reach. Our scale of operation ensures that the fruits we supply ends up in millions of fruit bowls across the country.
मंतोष मिश्रा
मैं मंतोष मिश्रा मेरा घर यूपी के शहर तमकुही रोड में है मेरे पिताजी किसान थे आज से 28 साल पुरानी बात है नौवीं क्लास में पढ़ता था जब मेरा घर की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी मेरे मां पिताजी के पास मेरे को पढ़ने के पैसे नहीं थे तब मैंने अपनी दसवीं क्लास छोड़ने का इरादा किया और घर से मात्र ₹10 लेकर दिल्ली शहर की ओर चल दिया जब मैं दिल्ली स्टेशन पर उतरा तब मेरे पास रूम रेंट पर लेने के भी पैसे नहीं थे मैं जाकर अपने रिश्तेदार के रूम पर रहा फिर उसी शाम को मैं काम ढूंढने के लिए बाहर मार्केट में चला गया बहुत सारे दुकान पर पूछने पर किसी ने भी साथ नहीं दिया उसके बाद मैंने एक आइसक्रीम की स्टाल किराए पर लिया और आइसक्रीम सेल करना चालू कर दिया पर दिन की इतनी भी सेल नहीं होती थी
जिसे मैं अपने स्टॉल का भी किराया दे सकूं कुछ दिन यूं ही चलता रहा फिर मैंने पैसे कुछ इकट्ठा करके और कुछ उधर करके तेली रिक्शा खरीदा फिर उसे मैंने दूसरे लोगों के चावल और सामान यहां से वहां पहुंचने का काम किया फिर कुछ टाइम दूसरो के पास मजदूरी करके फिर मैं अपना कुछ सब्जी मंडी से सब्जी खरीद कर सब्जी बेचना चालू किया कुछ टाइम यूं ही चलता रहा बहुत सारी मुश्किलें आई पर हंसते-हंसते में उस मुश्किलों को झेलता रहा और अपना काम करता रहा बहुत दिन ऐसे ही बीत गए काम करते-करते फिर मैं रात में सब्जी मंडी जाने लगा रात में भी मेहनत करता था। ऐसा ही दिन रात मेहनत करता रहा और एक टाइम ऐसा हुआ कि मैं सुबह मंडी जाने के लिए उठा और बाहर गया रिक्शा लेने के लिए वहां मेरा रिक्शा नहीं था मैंने उसे दिन अपनी सारी आशाएं खो दी फिर मेरे सामने मेरे फैमिली का चेहरा आया मैं दूसरों के पास काम करना चालू किया और कुछ साल ऐसे ही निकल गया मेहनत करते-करते फिर मेरे पास एक दिन कॉल आया मंतोष सप्लाई देगा मुझे मंडी से माल खरीद के मैंने उन्हें कहा मुझे टाइम चाहिए मैं आपको दो-चार दिन में बता दूंगा बहुत लोगों ने कहा सब्जी मत देना कंपनी पर पैसे रोक लेंगे कंपनी पर मेरे अंदर बस मेहनत करने का जुनून था और सपना था मैं मेहनत करूं बस मैंने उन्हें अगले दिन कह दिया आपको कब से सब्जी चाहिए फिर अगले दिन में सब्जी खरीद कर लाता था और ग्राउंड फ्लोर से सेकंड फ्लोर पर अकेले चढ़ता था मैं खुद खरीद ता था ओर खुद उनको अकेले ग्राउंड फ्लोर से सेकंड फ्लोर पर सप्लाई देता था।कुछ दिन ऐसा ही बीता फिर मैंने एक विक्रम गाड़ी ली उसे चलाना चालू किया और सब्जी देना चालू किया धीरे-धीरे सप्लाई देता रहा फिर उसके बाद मेरा काम पालकी फूड कंपनी से जुड़ा फिर मैंने उन्हें सब्जी सप्लाई करनी चालू कर दी मैंने सबको कम रेट पर मंडी से माल उठाकर सप्लाई करना चालू कर दिया मेरा मानना यह है कि
"आटे में नमक खाना चाहिए नमक में आटा नहीं ईमानदारी से काम करोगे तो हजार दिन करोगे बेईमानी से काम करोगे तो कुछ दिन ही करोगे" मैं अपने वेजिटेबल की क्वालिटी और सबसे कम रेट से जाना गया पूरे कंपनी में धीरे-धीरे मेरा काम आईसीएस, सिल्वर लाइनिंग, कंपनी से जुड़ता रहा फिर उसके बाद मेरा काम कंपास फूड प्राइवेट लिमिटेड, सोडेक्सो फूड प्राइवेट लिमिटेड, से जुड़ा मैंने इन्हें भी सप्लाई अपनी चालू कर दी आज जो भी हूं "सब ऊपर वाले और मेरे माता-पिता की देन है मैं उनके बिना कुछ भी नहीं हूं"
आज यह टाइम है जब हमारा काम रामलाल मतलब "अयोध्या" जी में सप्लाई जानी चालू होने वाली है
"जो काम की इज्जत करता है काम उसकी इज्जत करता है"
मैंने अपने बच्चों को हमेशा एक ही शिक्षा देता हूं।
"बेटा पैसा हाथ का मैल है। इंसान हमेंशा अपनी इमानदारी से जाना जाता है। उसके पास कितना पैसा है उससे नहीं। व्यापार हमेंशा इमानदारी से करना।"